इस सम्बन्ध में विद्युत अधिनियम की धारा 135 के अन्तर्गत उपरोक्त दण्डनीय अपराध का शमन शुल्क रू.
4.
इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति जाने अनजाने शत अपराध करता है उस अपराध का शमन होता है और व्यक्ति अपराध मुक्त होकर मृत्यु के पश्चात् ईश्वर के समक्ष पहुँचता है जिससे सुख और उत्तम गति को प्राप्त होता है.
5.
इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति जाने अनजाने शत अपराध करता है उस अपराध का शमन होता है और व्यक्ति अपराध मुक्त हो कर मृत्यु के पश्चात ईश्वर के समझ पहुंचता है जिससे सुख और उत्तम गति को प्राप्त होता है।
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इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति जाने अनजाने शत अपराध करता है उस अपराध का शमन होता है और व्यक्ति अपराध मुक्त हो कर मृत्यु के पश्चात ईश्वर के समझ पहुंचता है जिससे सुख और उत्तम गति को प्राप्त होता है।